राम मंदिर – अयोध्या जाने से पहले ज़रूर जाने ये बाते।

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राम मंदिर – भगवन श्री राम करीब 500 साल बाद अयोध्या में बन रहा है जिसे राजधानी बना कर श्री राम ने पूरे अवध छेत्र पर 30 वर्षो तक शाशन किया था। राम राज के रूप में गौरव का शिखर छूने वाला यह शहर कुछ समय पहले तक धरा 144 और विवादों के लिए पूरे विश्व में चर्चित रहा है। लेकिन अब फिरसे अपने वैभव और भव्यता के लिए जाना जायेगा, 5 शताब्दी से धूमि पड़ी अयोध्या फिरसे अब राजधानी जैसी सज चुकी है। और अब हर एक हिन्दू का सपना बन चूका है की वह श्री राम मंदिर के दर्शन करे। हम आपके ट्रेवल गाइड के रूप में इसमें आपकी मदद कर सकते है और इस ब्लॉग के मदद से हम चाहते है की आप काम से काम समय में ज्यादा से ज्यादा रमणीय स्थलों के दर्शन कर सकते।

अयोध्या नगरी को हिंदू धर्म में सात सबसे पवित्र शहर हरिद्वार, वृन्दावन/मथुर, वारणसी, काचिपुरम, उज्जैन और द्वारका में से एक माना जाता है, जहाँ हर घर को अपने आप में एक मंदिर माना जाता है। इस ब्लॉग में, हम उन विशेष मंदिरों पर ध्यान रखने वाले है जो अयोध्या की आध्यात्मिक विरासत को बताता हैं, अपने मंदिर के दौरे पर जाने से पहले

1. सरयू नदी

सबसे पहले आप सरयू नदी पर जाए क्युकी अयोध्या इसी नदी के किनारे बसा हुआ है, माना जाता है की विष्णु जी के अशुंनो से यह नदी प्रवाहित हुई है इसलिए ताकि आपके सारे पाप धूल जाए इसलिए आप पहले यहा पर स्नान ज़रूर करे। सरयू नदी का तट अयोध्या के नए रेलवे स्टेशन से 1 से 2 किमी की दूरी पर स्थित है, और आपको राज घाट, जानकी घाट, दशरथ घाट और लक्ष्मण घाट जैसे कई घाट मिलेंगे जहां आप अपना सफाई अनुष्ठान कर सकते हैं। इसके साथ में नदी के किनारे गुप्तार घाट है जहा राम जी ने जल समाधी ली थी और इन्ही घाटों पर सर्दियों में शाम 5 बजे और गर्मियों में शाम 6 बजे आरती होती है। दोस्तों इन्ही घाटों पर स्नान करने के बाद में आप कुछ मंदिरो के दर्शन भी कर सकते है जिनमे से राम जानकी मंदिर, हनुमान मंदिर, नरसिंघ मंदिर ओर चरण पादुका मंदिर काफी ज़रूरी है।

2. राम की पौड़ी

इन मंदिरो के दर्शन करने के बाद आप पैदल ही चलकर राम की पौड़ी की तरफ आ सकते है, यह जगह आपने सोशल मीडिया पर कई लाखो दिए और लाइट शोज से जगमगाती हुई ज़रूर देखि होगी। यह पर ही दीपावली पर दीपोत्सव मनाया जाता है और इसी जगह पर सरयू नदी के पानी से ही एक नया तट बनाया गया है जहा पर आप मंदिरो की श्रंखला पाएंगे। राम की पौड़ी रात के समय जगमगाते आसमान और हरे भरे बगीचों के साथ काफी खूबसूरत दिखती है।

3. नागेश्वरनाथ महादेव मंदिर

राम की पौड़ी से महज़ 100 मीटर की दूरी पर नागेश्वरनाथ महादेव मंदिर स्तिथ है जिसे माना जाता है की इसे भगवान रामजी के पुत्र कुश जी ने बनवाया था। कथा के अनुसार कुश जी एक बारे नदी में नाहा रहे थे और उनका बाजूबंद नदी में बैह गया था बाद में नाग कन्या ने जोकि भगवन शिव की बोहोत बड़ी भक्त थी उन्होंने कुश जी को वो बाजूबंद लौटाया था और कुश जी को उनसे प्रेम हो गया था और कुश जी ने बाद में महादेव जी का यह मंदिर बनवाया था।

4. लता मंगेशकर चौक

उसके बाद जब आप राम की पौड़ी से बाहर आएंगे तो नया घाट चौक मिलेगा जिसे लता मंगेशकर चौक भी कहा जाता है और वहा पर 14 टन की 40 फ़ीट लम्बी एक वीणा स्थापित की गयी है जिसे स्वर्गीय गायिकार लता मंगेशकर जी की श्रद्धांजलि में बनवाया गया है। और काम समाय में ही यह अयोध्या का नया सेल्फी पॉइंट बन चूका है।

5. हनुमान गड़ी मंदिर

अब दोस्तों यहाँ से अयोध्या शहर 1 किलोमीटर आप जाएंगे तो आपको हनुमान गड़ी मंदिर मिलेगा और अयोध्या में श्री राम जी के दर्शन से पहले सबसे पहले आपको हनुमान जी की आज्ञा लेनी पड़ेगी क्युकी ऐसा माना जाता है की श्री राम के दर्शन से पहले आपको हनुमान गाड़ी जाना चाहिए और वहा पर हनुमान जी के दर्शन करके उनके दर्शन करके उनसे प्रार्थना करनी चाहिए और श्री राम जी के दर्शन करने के लिए उनसे अनुमति लेनी चाहिए। क्युकी जब श्री राम लंका विजय के बाद अयोध्या आये थे तो हनुमान जी को उन्होंने वही जगह दी थी रहने के लिए और हनुमान जी वह एक गुफा में रहते थे और राम जन्मभूमी और रामकोट की रक्षा करते थे। मंदिर के गर्भगृह में अंजनी माता की प्रतिमा है जिनके गोद में छोटे से हनुमान जी विराजमान है।

6. रामकोट

हनुमान गड़ी में दर्शन के बाद जब आप बाहर आएंगे तो उसी के बाहर है रामकोट है जहा से ऐसा माना जाता है की श्री राम जी का महल का छेत्र शुरू होता है ।

7. श्री राम जन्मभूमि मंदिर

रामकोट से 500 मीटर की दूरी पर स्तिथ है नया भव्य राम मंदिर बन रहा है जिस जगह पर मंदिर बन रहा है यह वही भूमि है जहा नारायण जी ने श्री राम के रूप में अवतार लिया था और 22 जनवरी को वही पर उनकी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। हम लोगो के लिए यह बोहोत ही भाग्य की बात है की हम इस मंदिर में ना केवल प्रवेश पाएंगे बल्कि जो मंदिर का कार्य चल रहा होगा उसका भी दर्शन कर पाएंगे।

8. दशरत महल

श्री राम जन्मभूमि के मंदिर के बाद में आप पास में स्तिथ दशरत महल जा सकते है दशरत महल वही जगह है जहा पर श्री राम जी का बचपन गुज़रा था और दशरत जी का परिवार यही पर रहता था इस दशरत महल को कई बार अलग – अलग राजाओ के द्वारा जीवन उद्धार करवाया गया है और लोग अब इसे एक मंदिर के रूप में पूजते है जहा पर श्री राम जी और राजा दशरत के परिवार के विग्रहो का दर्शन आप कर सकते है एक बात याद रखियेगा की यह मंदिर दुपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक बंद रहता है।

9. कनक भवन

दशरत महल के दर्शन के बाद वही से 100 मीटर की दूरी पर एक कनक भवन है और अपने नाम की ही तरह यह भवन हुआ करता था और पूरी तरह सोने का बना हुआ यह भवन था जिसको केकयी माता जी ने सीता जी को मुँह दिखाई के तौर पर दिया था और आज यह एक महतवपूर्ण मंदिर बन चूका है। इस मंदिर में एक खुली जगह है जिसमे चांदी के शिखर के निचे सोने का मुकुट पहने हुए श्री राम जी, सीता जी और उनके तीनो भाई विराजमान है, यहा पर अभी भी भजन कीर्तन चलता रहता है अगर आप यहाँ आना चाहते है तो याद रखियेगा की 12 बजे दुपहर से शाम 4.30 बजे तक बंद रहता है।

10. त्रेतानाथ मंदिर

कनक भवन से 2 से 2.5 किलोमीटर की दूरी पर स्तिथ है त्रेतानाथ मंदिर जिसे त्रेता के ठाकुर मंदिर भी कहते है यह वही जगह है जहा पर श्री राम जी ने अश्वमेध यज्ञ किया था और इस मंदिर में जितनी भी मूर्तिया है वो एक विशेष प्रकार के काले पत्थर से बनायीं गयी है इसलिए इस मंदिर को कालेराम मंदिर भी कहते है। यह जितनी भी मूर्तिया है यह राजा विक्रमादित्य के युग की है और एक बार तीसरी शताब्दी में हिमाचल के कुल्लू के एक राजा ने फिरसे इनका जीणोद्धार करवाया था बाद में मराठी रानी अहिल्याबाई होल्कर जी ने 1700 के दशक में इस मंदिर का पुनह जीणोद्धार करवाया था।

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